"साउथ एशियन हिस्ट्री" के जालस्थल : http://india_resource.tripod.com/Hindi-Essays.html शिशिर थडानी, संपादक, साउथ एशियन हिस्ट्री, बी ४४, डिफेंस कालोनी, नई दिल्ली ११००२४, ईमेलः kalakriti@mindspring.com से साभार लेकर कृतिदेव_१० ==> यूनिकोड परिवर्तक द्वारा फॉण्ट बदलकर संकलित।

भारतीय स्वतंत्राता संग्राम के दौरान की क्रान्तिकारी रचनायें एवं अन्य ऐतिहासिक अभिलेख

शहीद भगतसिंह के आलेख

’’जीवन का ध्येय मस्तिष्क को नियंत्रित करना नहीं, उसे सामंजस्यपूर्ण ढंग से उन्नत करना है; इह जीवन के बाद मुक्ति को प्राप्त करना नहीं, उसका सर्वोत्तम उपयोग, तो सत्य, सुंदर और अच्छाई को न केवल विचारों में खोजना है वरन् रोजमर्रा की जिंदगी में भी अनुभव करना है; सामाजिक प्रगति कुछ व्यक्तियों की कुलीनता पर नहीं वरन् जनगण की समृद्धि पर आधारित होती है; विश्वबंधुत्व तभी प्राप्त हो सकेगा जब सामाजिक, राजनैतिक और वैक्तिक जीवन में अवसर की समानता होगी।’’ - शहीद भगतसिंह, जेल दैनिदंनी।


क्राॅति के विचार पर शहीद भगतसिंह ने अपने विचार सह-देशभक्तों को लिखे पत्रों में, अदालतों के वक्तव्यों में और दूसरी रचनाओं में समय समय पर व्यक्त कियः यहां कुछ उदाहरण हैंः

..... क्राॅति का मतलब केवल उथल-पुथल या रक्तपाती मारकाट नहीं और न ही उसमें व्यक्तिगत बदला लेने का कोई स्थान है। वह कोई पिस्तौल या बम का अनुष्ठान नहीं। क्राॅति आवश्यक रूप से नये और बेहतर आधार पर समाज के पुनर्निर्माण की व्यवस्थित योजना है .....।

..... क्राॅति से हमारा आशय है कि वर्तमान व्यवस्था जो अन्याय पर आधारित है को बदलना ही चाहिए। किसान जो सब के लिए अनाज पैदा करता, अपने परिवार सहित भूखा रहता है; बुनकर जो दुनिया के बाजार में कपड़े की अपूर्ति करता, खुद और अपने बच्चों के शरीर को नहीं ढाॅप पाता है; राजगीर, लुहार और बढ़ई जो भव्य महलों को बनाते, झोपड़ पट्टियों में अछूतों की तरह रहते हैं .....।

..... क्राॅति शब्द का जिस मायने में उपयोग किया जाता है उसमें बेहतरी के लिए उत्कंठा और उर्जा की कामना होती है। सामान्यतया जनता आम वस्तुओं के स्थापित तरीके से आदी हो जाते हैं और बदलाव के ख्याल मात्रा से कांपने लगते हैं। यह एक आलस्यमयता है जिसे क्राॅतिकारी उर्जा से बदल देने की आवश्यकता है। अन्यथा, पतन होने लगता है और मानवता प्रतिक्रियावादी ताकतों के द्वारा संपूर्ण तौर पर धूलधूसरित कर दी जाती है। इस प्रकार की स्थिति मानव उन्नति को ठहराव या लकवे में बदल देती है .....। - रामानंद चटर्जी को लिखे पत्रा से। वे माडर्न रिव्यू के संपादक थे।

शहीद भगतसिंह की अन्य रचनाओं के लिए देखिएः

लेख, पत्रा, अदालत में क्राॅतिकारी वक्तव्य।

हिंदुस्तानी समाजवादी प्रजातंत्रात्मक सेना /हिसप्रस/ और शहीद भगतसिंह के अन्य सहयोगियों के अभिलेखः

कोर्ट केसेज - ब्रिटिश सरकार के अध्यादेश, याचिकायें, संपादकियां, पार्टी घोषणा पत्रा।

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संबंधित आलेख: गदर आंदोलन के दस्तावेज।